बीबी एवं पुत्र न्याय के लिए भटकने को हुए विवश
पीड़ित महिला अपने पति के हत्यारों को सजा दिलाने हेतु ज़िम्मेदार अधिकारियों के चौखट में दर दर भटकने को हुई मजबूर
ख़ास रिपोर्ट जितेंद्र सविता/राजकुमार यादव
सलोन,रायबरेली।
जनपद रायबरेली की तहसील सलोन के अंतर्गत आने वाला थाना नसीराबाद के ग्राम पोस्ट बभनपुर की यह घटना प्रकाश में आई है जो दिल को झांझोर कर रख देगी जहां पीड़ित महिला सुमित्रा देवी पत्नी स्वर्गीय रामशंकर शर्मा जो दिल्ली की किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में कार्यरत थे और कार्य के ही दौरान 21 दिसंबर 2023 को पीड़ित के बताएं अनुसार रामशंकर शर्मा की निर्मम हत्या कर दी गई और कंपनी के मैनेजर उमाकांत पांडे द्वारा मृतक राम शंकर शर्मा के पुत्र योगेश कुमार को फोन कॉल के माध्यम से पहले भिन्न-भिन्न अस्पतालों के नाम बता कर उसे इलाज के नाम पर गुमराह किया गया एवं अंत में जिस अस्पताल में मुलाकात हुई वहां पर मौके से मौजूद कंपनी के ही 6 से 8 कर्मचारी जबरन दबाव बना कर किसी कागजात पर हस्ताक्षर करते हैं और मैनेजर उमाकांत पाण्डे के द्वारा मृतक पुत्र योगेश कुमार को नगद 30 हजार रुपए एवं एंबुलेंस मुहैया कराकर मृतक शरीर को पैतृक गांव ले जाने की बात पर अड़े रहे और बताया कि तुम्हारे पिता की मृत्यु अचानक हार्ट अटैक आने से हो गई है यदि इसकी सूचना आप अपने परिजनों को देते हो तो शायद यह घटना को वह बर्दाश्त ना कर पाए और कोई अनहोनी घट जाए तो फिर उसके ज़िम्मेदार तुम ही होंगे अब फैसला कर लो कि क्या करना है तुमको तुम ही घर के बड़े हो जिम्मेदार हो इसलिए मेरी मानो तो इसको शीघ्र अपने पैतृक गांव लेकर जाओ और वहीं अंतिम संस्कार करो ऐसे में मृतक रामशंकर के पुत्र योगेश जो अपने पिता की मृत्यु से अपना विवेक खो बैठे थे, जिससे उनकी बातों में आकर अपने पिता के मृत शरीर को अपने गांव बभनपुर ले आए और जब परिजनों एवं ग्रामीणों ने मृतक रामशंकर के शरीर पर चोट के निशान देखे तो उन्हें हत्या की आशंका लगी जिसकी सूचना जनपद के ज़िम्मेदार अधिकारियों को फोन कॉल के माध्यम से दी गई परंतु पुलिस की कार्यशैली संतोष जनक नहीं रही जिसके चलते पीड़ित परिवार मृतक राम शंकर शर्मा को जमीन में ही दफन कर उनका अंतिम संस्कार कर दिए। इसके पश्चात निरंतर स्व0 रामशंकर शर्मा के हत्यारे को सजा दिलाने के लिए पत्नी सुमित्रा देवी एवं पुत्र योगेश कुमार जिम्मेदार अधिकारियों के दफ्तरों में चक्कर काट–काट कर जिम्मेदारो को अपनी आप बीती बताने का प्रयास निरंतर लगभग डेढ़ महीनो से कर रहे है की शायद कोई उनकी फ़रियाद सुनकर उन्हें न्याय दिला सके। देखते हैं खबर के चलने के बाद शासन प्रशासन आखिरकार क्या रुक अक्तियार करता है जिससे पीड़ित महिला को न्याय मिल सके।
