सात से 22 जून तक चलेगा सघन दस्त नियंत्रण पखवारा रायबरेली 05 जून, 2023
हर साल की भांति इस साल भी 07 जून से 22 जून तक सघन दस्त नियंत्रण पखवारा मनाया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि पाँच साल से कम आयु के पाँच से सात फीसद बच्चों में मृत्यु का कारण दस्त है। दस्त का सही से प्रबंधन कर बाल मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है। दस्त का उपचार मौखिक पुनर्जलीकरण घोल (ओआरएस) यानी ओआरएस और जिंक की गोली है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह ने बताया कि अभियान को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। ओआरएस के पैकेट्स और जिंक की गोलियां पर्याप्त मात्रा में हैं। अभियान चलाने का उद्देश्य समुदाय में लोगों को बाल्यावस्था में दस्त के दौरान ओआरएस घोल और जिंक के उपयोग के प्रति जागरुक करना, उपलब्ध कराना एवं इसके उपयोग को बढ़ावा देना है।
पखवारे के दौरान आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में पाँच वर्ष तक की आयु के हर बच्चे को ओआरएस का पैकेट देंगी। इसके अलावा दस्त से पीड़ित बच्चे को ओआरएस के दो पैकेट एवं 14 जिंक की गोलियां दी जाएंगी। आशा कार्यकर्ता द्वारा ओआरएस को बनाने की विधि का प्रदर्शन करके दिखाया जाएगा।
इस अभियान के दौरान उन सभी घरों को लक्षित करना है जहां पर पाँच साल से कम आयु के बच्चे हैं, पाँच साल से कम आयु के वह बच्चे जिन्हें अभियान के दौरान दस्त की समस्या हुई हो, ऐसे सब- सेंटर जहां पर एएनएम न हो या लंबी छुट्टी पर हो, ईंट भट्टे पर काम करने वाले मजदूर, शहरी मलिन बस्ती, दूरस्थ क्षेत्र, ऐसे क्षेत्र जहां पहले डायरिया का आउटब्रेक हो चुका हो, छोटे गाँव या छोटे कस्बे जहां स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव हो। इसके अलावा उन बच्चों को प्राथमिकता देनी है जो कुपोषित हैं या कम वजन के बच्चे हैं।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डीएस अस्थाना बताते हैं कि दस्त के दौरान ओआरएस घोल एवं जिंक की गोली का सेवन करना चाहिए। यदि इसके उपयोग के बाद भी दस्त ठीक न हों तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं। दस्त बंद होने के बाद भी दो माह से पाँच साल तक की आयु के बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार जिंक की गोलियाँ 14 दिनों तक देनी चाहिए। दो माह से छह माह तक की आयु के बच्चों को जिंक की आधी गोली माँ के दूध में घोलकर और सात माह से पाँच साल तक की आयु के बच्चों को एक गोली जरूर दें। जिंक के सेवन से अगले दो से तीन माह तक दस्त होने की संभावना नहीं होती है। इसके साथ ही बच्चे को स्तनपान, ऊपरी आहार और भोजन जारी रखें।
दस्त होने का मुख्य कारण साफ सफाई का अभाव है। पीने के लिए साफ पानी का उपयोग करें। पानी उबालकर ठंडा कर लें उसके बाद उसे इस्तेमाल में लाएं। खाना बनाने और खाने से पहले, शौच के बाद, बच्चे का मल साफ करने के बाद साबुन और पानी से अच्छे से हाथ धोएं। साफ बर्तन में चम्मच से बच्चे को खाना खिलाएं। इसके साथ ही छह माह तक की आयु के बच्चे को केवल स्तनपान कराएं। बच्चों में कुपोषण का मुख्य कारण दस्त है। बार-बार दस्त होने से बच्चा कुपोषित हो सकता है और यदि बच्चा कुपोषित है तो जरा से असावधानी से वह दस्त की चपेट में आ सकता है।