Breaking News

क्लब फुट की समस्या से जूझ रहा रचित अब दौड़ने लगा है
रायबरेली, 11 मार्च 2023

क्लब फुट की समस्या से जूझ रहा रचित अब दौड़ने लगा है
रायबरेली, 11 मार्च 2023

ब्लॉक सरेनी के विषायकपुर की रहने वाली रिंकी ने दो फ़रवरी 2020 में बेटे रचित को जन्म दिया पर बच्चे के पैर मुड़े हुए थे | यह देखते ही परिवार की खुशी गम में बदल गई | रिंकी बताती हैं कि हर माँ का सपना होता है कि वह स्वस्थ और सुंदर बच्चे को जन्म दे लेकिन मैं स्तब्ध रह गई जब मैंने पहली बार अपने बच्चे को देखा | उसके पैर अंदर की ओर मुड़े हुए थे | ऐसे में मेरी सबसे बड़ी चिंता थी कि क्या कभी वो अपने पैरों पर खड़ा हो पाएगा | मैनें उसी वक्त ठान लिया कि कुछ भी हो जाये लेकिन अपने बच्चे को मैं दौड़ता हुआ ज़रूर देखूँगी | इस बीच ससुरालवालों और रिश्तेदारों की बहुत सी अनर्गल बातों को सुनना पड़ा लेकिन पति घनश्याम ने मेरा साथ दिया | हमने दो साल तक कितने ही निजी चिकित्सकों से इलाज कराया जिसमें हमारा काफी रुपया भी खर्च हुआ लेकिन रचित को आराम नहीं मिला |
हम पूरी तरह निराश हो चुके थे | इसी बीच अक्टूबर 2022 में हमारे गाँव के आँगनबाड़ी केंद्र पर डाक्टरों की टीम(राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) आई | टीम ने रचित की जांच की और बताया कि वह क्लब फुट बीमारी से ग्रसित है और इसका इलाज पूरी तरह संभव है | उन्होंने जिला अस्पताल में बुलाया | हम अगले दिन ही जिला अस्पताल गए और रचित का इलाज शुरू हो गया | उसके पैर का एक बार ऑपरेशन हो चुका है और उस पर प्लास्टर लगाया जा चुका है | अब उसे विशेष प्रकार के जूते पहनने को दिए गए हैं अब वह दौड़ने लगा है | मैं बहुत ही खुश हूँ और साथ ही शुक्रगुजार हूँ सरकारी अस्पताल के डाक्टर का जिनके इलाज से मेरा बच्चा अब दौड़ने लगा है | यह कहना है ब्लॉक सरेनी निवासी रिंकी का |
|
आरबीएसके के नोडल अधिकारी डा. अशोक रावत बताते हैं कि शून्य से 19 साल तक की आयु के बच्चों में 36 प्रकार की जन्मजात बीमारियों का इलाज आरबीएसके के तहत किया जाता है | क्लब फुट भी एक जन्मजात बीमारी है जिसमें बच्चे के पांव के पंजे अंदर की ओर मुड़े होते हैं | इस बीमारी के इलाज में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सहयोग से संचालित अनुष्का फाउंडेशन आरबीएसके कार्यक्रम का सहयोग कर रही है | संस्था का राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) द्वारा संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के साथ एमओयू है।
हर ब्लॉक पर आरबएसके की चार सदस्यीय टीम होती है | वह बच्चों की स्क्रीनिंग करती है | बच्चे का ऑपरेशन, इलाज, विशेष प्रकार के जूते आदि उपरोक्त संस्था मुहैया कराती है | क्लब फुट से पीड़ित बच्चों का इलाज तीन चरणों में पूरा किया जाता है।
प्रथम चरण में बच्चे को पाँच से छह बार प्लास्टर लगाए जाते हैं जिसमें बच्चे के पैर सीधे किए जाते हैं।
द्वितीय चरण बच्चे में पैर का एक छोटा सा ऑपरेशन किया जाता है जिसमें जिला चिकित्सालय रायबरेली के ऑर्थो सर्जन डॉक्टर एमपी सिंह डॉ डीपी सरोज तथा डॉ बीके पाल द्वारा बच्चे के पैर का टेंडन को कट करके 21 दिन का प्लास्टर लगाया जाता है।
तृतीय चरण इसमें बच्चे को क्लब फुट के जूते दिए जाते हैं तथा बच्चों को सलाह दिया जाता है बच्चों को प्रथम तीन माह 23 घंटे जूते पहनाने हैं उसके बाद बच्चे को पाँच साल तक जब बच्चा सोएगा तब जूते पहनने होते हैं ।
कोई बच्चा यदि कोई बच्चा जूता नहीं पहनता है तो उसके पैर पुनः अंदर की ओर मुड़ जाते हैं ।
ऐसी दशा में बच्चों को दोबारा प्लास्टर लगाना पड़ता है तथा समस्त प्रक्रियाओं से गुजारना पड़ता है।

About yadavrajkumar19595@gmail.com

Check Also

विधानसभा ऊंचाहार के जगतपुर ब्लाक के हेवतहा नेवढ़िया व तिवारीपुर,रामगढ में दलित गौरव संवाद को पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी अतुल सिंह ने सम्बोधित किया।

संपादक राजकुमार यादव विधानसभा ऊंचाहार के जगतपुर ब्लाक के हेवतहा नेवढ़िया व तिवारीपुर,रामगढ में दलित …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *