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फइलेरिया अभियान एक हफ्ते और चलेगा 27 फरवरी तक चलने वाला अभियान अब 6 मार्च तक चलेगारविवार को भी शहरी और ग्रामीण इलाकों में खिलाई गई दवा

मुख्य संवाददाता राजकुमार यादव

फाइलेरिया अभियान एक हफ्ते और चलेगा

• 27 फरवरी तक चलने वाला अभियान अब 6 मार्च तक चलेगा
• रविवार को भी शहरी और ग्रामीण इलाकों में खिलाई गई दवा

अमेठी, 28 फरवरी 2023

जनपद में 27 फरवरी तक चलने वाला फाइलेरिया अभियान अब छः मार्च तक चलेगा। इस अभियान की तारीख बढ़ाने के पीछे अधिकाधिक लोगों को दवा खिलाने का उद्देश्य है। वहीं जनपद के शहरी और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य टीम ने रविवार को भी बूथ लगाकर अपने सामने दवा खिलाई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विमलेन्दु शेखर ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के तहत जनपद में 10 फरवरी को आईडीए (आइवरमेक्टिन, डाईइथाइल कार्बामजीन और एल्बेंडाजाल) अभियान शुरू हुआ था। यह अभियान 27 फरवरी तक चलना था। जबकि अब यह अभियान 7 मार्च तक चलेगा। उन्होंने बताया कि जिले में रविवार को जिले के सभी ब्लाकों में फाइलेरिया की दवा खिलाई गई। उन्होंने बताया कि इस बार शहरी क्षेत्र में खासकर ईंट भट्ठे और मलिन बस्ती या छूटे हुए क्षेत्र में रहने वाले लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। अभियान के दौरान अभियान के दौरान 21.93 लाख आबादी को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। वहीं अभियान की शत प्रतिशत सफलता के लिए 1760 टीमें, 298 सुपरवाइजर प्रशिक्षित टीम घर-घर जाकर दवा खिला रही हैं। और यह भी जानकारी दी कि अब तक कुल 18.5 लाख लोगों ने दवा का सेवन किया है जो कि 84.73% है।
जिला मलेरिया अधिकारी सुशील कुमार ने स्पष्ट किया कि दवा स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सामने ही खानी है और दवा खाली पेट नहीं खानी है। आइवरमेक्टिन ऊंचाई के अनुसार खिलाई जाएगी जबकि एल्बेंडाजोल को चबाकर ही खानी है। फाइलेरिया की दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती व अत्यधिक बीमार लोगों को नहीं खानी है। शेष सभी लोग साल में एक बार और लगातार पांच वर्ष तक दवा खाकर भविष्य की परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि दवा खाने से बचने के लिए बहाने बिल्कुल भी न करें, जैसे – अभी पान खाए हैं, अभी सर्दी-खांसी है, बाद में खा लेंगे आदि। आज का यही बहाना आपको जीवनभर के लिए मुसीबत में डाल सकता है। दवा खाने के बाद जी मिचलाना, चक्कर या उल्टी आए तो घबराएं नहीं। ऐसा शरीर में फाइलेरिया के परजीवी होने से हो सकता है, जो दवा खाने के बाद मरते हैं। ऐसी प्रतिक्रिया कुछ देर में स्वतः ठीक हो जाती है। यह बीमारी इस मामले ज्यादा खतरनाक है कि इसके लक्षण ही 10-15 वर्ष बाद दिखते हैं और जब दिखते हैं तब इसका कोई खास उपचार नहीं बचता है। वहीं शुरू में संक्रमित व्यक्ति बिना किसी लक्षण के दूसरे स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित करता रहता है।
इसी क्रम में आज 28 फरवरी को एसीसी सीमेंट फैक्ट्री टिकरिया गौरीगंज में सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें फैक्ट्री के समस्त अधिकारी कर्मचारियों सहित 600 लोगों ने दवा का सेवन किया। इस कार्यक्रम में बीसीपीएम प्रमोद कुमार अग्रहरी, बीएचडब्ल्यू गौरव पांडे, शैक्षिक संस्था प्रोजेक्ट कंसर्न यूनिट के डीएमसी निशांत सिंह उपस्थित रहे।

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